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किचकिचीच कच्चे रास्ते ने रोकी ज़िंदगी की डगर

प्रसव पीड़ा में तड़पती महिला को पैदल चलकर पहुँचना पड़ा एंबुलेंस तक

कोरापुट (ओडिशा): राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के दावों की फिर खुली पोल। कोरापुट ज़िले के बैंपारिगुड़ा ब्लॉक के अंतर्गत डेंगपाकना गांव में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान पैदल चलकर एक किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुँचना पड़ा, क्योंकि गांव तक जाने वाला रास्ता बारिश के कारण दलदल में तब्दील हो गया था।

सूत्रों के अनुसार, डेंगपाकना गांव निवासी कवि कांदिकी की पत्नी गरी कांदिकी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिजन तत्काल बैंपारिगुड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एंबुलेंस की मांग की। लेकिन गांव तक का कच्चा रास्ता पूरी तरह कीचड़ से भरा हुआ था, जिससे एंबुलेंस आधे रास्ते में ही फँस गई और आगे नहीं बढ़ पाई।

प्रसव वेदना में तड़पती गरी कांदिकी को मजबूरी में लगभग एक किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर एंबुलेंस तक पहुँचना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से महिला को एंबुलेंस तक लाया गया और फिर अस्पताल पहुँचाया गया।

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लाखों की लागत से बना ‘मां गृह’ बेकार? क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए बैंपारिगुड़ा में लाखों रुपए खर्च कर ‘मां गृह’ का निर्माण किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते महिलाएं आज भी इस प्रकार की पीड़ा झेलने को मजबूर हैं।

एक रास्ते पर निर्भर हैं दस से अधिक गांवडें गपाकना समेत आसपास के 10 से अधिक गांवों के लोग इसी कच्चे रास्ते पर निर्भर हैं — स्कूल, अस्पताल, ब्लॉक कार्यालय, तहसील और थाना सभी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। बरसात के दिनों में न केवल बीमार और गर्भवती महिलाओं को, बल्कि स्कूली बच्चों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय लोगों की माँग – पक्की सड़क निर्माण हो तत्काल ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इस समस्या की अनदेखी हो रही है। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि डेंगपाकना और आसपास के गांवों तक शीघ्र ही पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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